हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए आयरन युक्त 7 पेय पदार्थ (ड्रिंक्स)
Parul Dube
October 26, 2023
Parul Dube
October 26, 2023
एनीमिया दुनिया भर में सबसे अधिक प्रचलित पोषक तत्वों की कमियों में से एक है। एनीमिया नामक रोग, जो हीमोग्लोबिन की कमी से होता है, वह खासकर महिलाओं में देखने को मिलता है।
आयरन की कमी होना एनीमिया का सबसे मुख्य कारण है। एनीमिया होने पर, डॉक्टर्स शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाने पर जोर देते हैं। हालांकि, आप अपने दैनिक जीवन में आयरन युक्त पेय पदार्थ शामिल करके अपने डाइट में आयरन की मात्रा बढ़ा सकते हैं।
इस दौड़ते-भागते व्यस्त जीवन में हम पारंपरिक भोजन से पर्याप्त पोषण नहीं ले पाते हैं। जिसके चलते हम स्नैक्स का विकल्प चुनते हैं। हालांकि, ये स्नैक्स शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान नहीं करते हैं और स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी पैदा कर सकते हैं। पर हम अपने आहार में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों को उनके पेय अवतार में शामिल करके शरीर की आयरन की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
इस लेख में हम आपको आयरन से भरपूर पेय पदार्थों और आयरन युक्त डाइट के बारे में बताएंगे।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण से ये ज्ञात होता है कि भारत में लगभग आधी महिला आबादी आयरन की कमी से जूझ रही है। शरीर में पूरी मात्रा में आयरन न होने से हीमोग्लोबिन की कमी आती है, जिससे रक्त प्रवाह कमज़ोर होता है एवं मस्तिष्क में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। परिणामस्वरूप सिरदर्द, चक्कर आना और कमजोरी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
आयरन की कमी, केवल महिलाओं में ही नहीं, बल्कि पुरुषों में भी देखि जा सकती है। परन्तु, मासिक धर्म के चलते महिलाओं में यह अधिक देखने को मिलती है। इसी कारण, सभी को आयरन का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिए, जो कि हम विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
एनीमिया से पीड़ित व्यक्तियों को रोजाना 100-200 मिलीग्राम आयरन का सेवन करना चाहिए। यह मल्टीविटामिन या नियमित भोजन में पाई जाने वाली सामान्य मात्रा से कहीं अधिक है।
एनीमिया के इलाज के दौरान, डॉक्टर अक्सर आयरन सप्लीमेंट या एलिमेंटल आयरन लेने का सुझाव देते हैं, जो आयरन युक्त भोजन और पेय की जगह दिया जाता है। एनीमिया के विभिन्न स्वरूप होते हैं, जिनके इलाज के तरीके भिन्न हो सकते हैं। आमतौर पर इसका इलाज आयरन युक्त आहार और सप्लीमेंटेशन का मिश्रण होता है।
उचित डायग्नोसिस सही उपचार लेने में सहायता करेगा। परन्तु, संभावित तौर पर जिन लोगों को एनीमिया हो सकता है, वे इसे दूर करने के लिए अपने दैनिक आहार में आयरन युक्त भोजन और पेय शामिल करें। तो आप शुरू से ही एनीमिया या आयरन की कमी को रोकने के लिए, नियमित तौर पर आयरन से भरपूर डाइट लें।
सूखा आलूबुखारा या ड्राय प्लम एक पौधे पर उत्पन्न होने वाला एक फल है जो आयरन का एक प्रमुख स्रोत है। इसके 240 मिली जूस से करीब 2.8 मिलीग्राम आयरन मिलता है, जिसकी सहायता से आप अपनी दैनिक आयरन की जरूरत का 17% पूरा कर सकते हैं। आयरन के अलावा, यह जूस ऊर्जा स्तर में भी वृद्धि करता है।
सूखे आलूबुखारे का सेवन डायबिटीज के रोगियों लिए भी काफी फायदेमंद है, क्योंकि इससे ब्लड शुगर लेवल अचानक से नहीं बढ़ता है। इसके अलावा, यह कब्ज जैसी पाचन समस्याओं को दूर करने में सहायक है।
आलूबुखारे का जूस आपकी दैनिक आयरन जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकता है। यह ध्यान देने योग्य है कि पौधे पर उगने वाले आयरन युक्त पदार्थ, पशु-आधारित आयरन की तरह आसानी से अवशोषित नहीं होते। हालांकि, शरीर में आयरन का स्तर बना रहे, इसके लिए आपको एक बेहतर डाइट प्लान अपनाना चाहिए जिसमें प्रचुर मात्रा में आयरन व अन्य पोषक तत्व उपस्थित हों।
चुकंदर पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी है। इसमें प्रचुर मात्रा में फोलेट, मैंगनीज, पोटेशियम, आयरन, बीटेन और विटामिन सी जैसे आवश्यक तत्व मौजूद होते हैं।
चुकंदर के जूस के नियमित सेवन से लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। अध्ययनों से पता चलता है कि चुकंदर के रस का नियमित सेवन वाकई हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार कर सकता है। परिणामस्वरूप, यह शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाता है। 100 ग्राम चुकंदर में 0.8 मिलीग्राम आयरन होता है। चुकंदर के रस को आंवला या नींबू के साथ मिलाने से विटामिन सी मिलता है, जो शरीर में आयरन का स्तर बढ़ाता है।
प्रचलित व्हे प्रोटीन के मुकाबले, मटर से बने प्रोटीन पाउडर में आयरन की मात्रा अधिक होती है। उदाहरण के लिए, जैविक पीली मटर प्रोटीन की 20 ग्राम मात्रा से आप 30% आयरन रोजाना हासिल कर सकते हैं। दूसरी ओर, व्हे प्रोटीन में आयरन की मात्रा कम होती है। ऐसे में आयरन के सेवन में सुधार के लिए मटर प्रोटीन पाउडर एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
अच्छी बात ये है कि आप अलग-अलग तरीकों से इसका आनंद ले सकते हैं, जैसे इससे शेक और स्मूदी बना सकते हैं या फिर अन्य आयरन युक्त पेय पदार्थों में इसका उपयोग कर सकते हैं। ये याद रहे कि अत्यधिक कैलोरी सेवन से बचने के लिए बिना मिठास वाले या बिना फ्लेवर वाले मटर प्रोटीन का ही सेवन करें, जो हानिकारक वजन वृद्धि को रोक सकता है।
पुदीने की पत्तियां आयरन से भरपूर होती हैं। विशषज्ञों का मानना है प्रति 100 ग्राम पत्तियों में 15.6 मिलीग्राम आयरन होता है। अपनी डाइट में रोजाना 1 कप ताजा पुदीना शामिल करने से आपको 4 मिलीग्राम अतिरिक्त आयरन मिलेगा। पुदीने की पत्तियों को आधा कप पानी, एक चम्मच गुड़ और थोड़े-से नीबू के रस के साथ मिलाकर एक स्वादिष्ट पेय बना सकते हैं।
मनथक्कली यानी गनिका सोप्पू को आमतौर पर ब्लैक नाइटशेड ग्रीन्स या काशी सोप्पू के नाम से जाना जाता है। इसके प्रति 100 ग्राम सेवन से शरीर को लगभग 20 मिलीग्राम आयरन मिलता है। यह बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है। आयरन से भरपूर ड्रिंक्स बनाने के लिए, बस इसकी पत्तियों को ठंडे पानी में एक ताजा कटे हुए आंवले के साथ मिलाएं।
शहतूत विटामिन सी और आयरन दोनों से भरपूर होता है। एक कप शहतूत के रस में 3.22 मिलीग्राम आयरन और 16.80 मिलीग्राम विटामिन सी होता है। दिलचस्प बात यह है कि शहतूत में मौजूद विटामिन सी अन्य खाद्य पदार्थों से भी आयरन हासिल करता है। इसी कारण शहतूत से बनी स्मूदी आपकी आयरन मात्रा में अच्छा ख़ासा सुधार ला सकती है।
हालांकि, शहतूत बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं होता है। अगर आपको शहतूत मिलता है, तो एक पौष्टिक और स्वादिष्ट शहतूत स्मूदी बना सकते हैं। यह स्मूदी आपके शरीर में आयरन और विटामिन सी की मात्रा बढ़ा देगी। इसे बनाने की विधि नीचे दी गई है:
यह स्मूदी आपका पेट भरा रखेगी और पर्याप्त आयरन भी प्रदान करेगी।
यह बहुत ही आसानी से बनने वाली स्मूदी है। आयरन से भरपूर पेय बनाने के लिए, आपको केवल तिल और खजूर का उपयोग करना है।
तिल के बीज अपने पौष्टिक तत्वों के लिए जाने जाते हैं, ये आयरन से भरपूर होते हैं। आपको करना ये है कि 4 खजूर को 2 बड़े चम्मच तिल के साथ मिलाएं और इससे आप 4.45 मिलीग्राम आयरन हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा, इनसे फास्फोरस, विटामिन ई और जिंक प्रचुर मात्रा में मिलता है। स्मूदी बनाने की विधि नीचे दी गई है:
इन आयरन-युक्त ड्रिंक्स और स्मूदी के जरिए आप आयरन का सेवन बढ़ा सकते हैं, लेकिन याद रखें कि आपको सही तरीके से अपनी रूटीन डाइट भी फॉलो करनी है। अगर आप गर्भवती हैं, तो इनके सेवन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
जूस स्मूदी से अलग होते हैं और उनकी पोषक क्षमता (न्यूट्रिशियस वैल्यू) कम होती है। स्मूदी में बिना छाने फल और सब्जियां होते हैं जिसकी वजह से आपको अधिक पोषण मिलता है। हालांकि, जूस में सिर्फ फलों और सब्जियों को क्रश करते हैं। जिस वजह से जूस में फल और सब्ज़ियों का पल्प नहीं होता, सिर्फ तरल पदार्थ रह जाता है।
असल में, ये दिखते तो बहुत स्मूथ हैं पर इनकी फाइबर की मात्रा में काफी अंतर होता है। इसके अलावा, जूस में आयरन बढ़ाने के लिए पर्याप्त विटामिन सी नहीं होता है।
बाजार में मिलने वाले पैक्ड जूस पर पोषण संबंधी सामग्री लिखी हो सकती है, लेकिन जूस की गुणवत्ता सही हो, यह जरूरी नहीं।
उदाहरण के लिए, फ्रिज में 31 दिनों के बाद, खुला हुआ जूस 60 से 67% विटामिन सी खो सकता है। स्वाद, बनावट और पर्याप्त विटामिन सी बनाए रखने के लिए, घर पर जूस बनाने की सलाह दी जाती है। और साथ ही ताज़ा सेवन करना उचित रहता है।
बीजों, अनाजों, नट्स और फलियों में पाया जाने वाला फाइटिक एसिड शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन नहीं मिलने देता है। फाइटिक एसिड कम करने के लिए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पहले उन्हें भिगोएं या अंकुरित करें।
अत्यधिक कैल्शियम भी आयरन युक्त भोजन से आयरन शरीर तक नहीं पहुंचने देता है। इसीलिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते समय डेयरी उत्पादों से बचें।
आयरन के बेहतर अवशोषण के लिए पौधों से मिलने वाले नॉन-हेम आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को हेम आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ मिलाएं। नॉन-हेम आयरन युक्त खाद्य पदार्थों में सेम, पत्तेदार साग, चुकंदर, पुदीना की पत्तियां, तिल आदि शामिल हैं। हेम आयरन युक्त खाद्य पदार्थों में मांस, मुर्गी और समुद्री से मिलने वाला भोजन शामिल है।
आयरन की कमी की रोकथाम के लिए, टैनिन, कैल्शियम, फाइटेट्स (साबुत अनाज), और ऑक्सालिक एसिड (चॉकलेट, मूंगफली) से भरपूर खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि वे आयरन के अवशोषण में बाधा डालते हैं, जिससे संभावित रूप से आयरन की कमी हो सकती है।
पोषक आहार न लेना एवं आयरन अवशोषण की कमी के कारण, आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया आज एक बढ़ती चिंता का विषय है। आयरन युक्त आहार का नियमित सेवन कर हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। अगर आप, एनीमिया से ग्रसित हैं तो बाजार में आसानी से उपलब्ध आयरन युक्त खाद्य पदार्थों और विटामिन सी को डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है।
इस लेख को पढ़ने के बाद अब आपके पास अलग-अलग प्रकार के स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक आयरन और विटामिन सी युक्त पेय पदार्थ उपलब्ध हैँ। परन्तु, आयरन की कमी के समय ब्लैक और हर्बल टी, कॉफ़ी और शराब के सेवन से परहेज़ करें। साथ ही, आयरन की मात्रा शरीर में बढ़ाने के लिए अनाज, फलियाँ, नट्स और बीजों को भिगोकर अंकुरित करके खाएं।
उत्तर: अनेक आयरन युक्त पदार्थों से बने स्मूदी और शेक आयरन प्राप्त करने का एक त्वरित और आसान तरीका हैं। आप पालक, काजू, रसभरी, शहतूत, चुकंदर और संतरे जैसी सामग्री का प्रयोग कर आयरन से भरपूर स्मूदी और शेक बना सकते हैं। इसके अलावा, आलूबुखारा, चुकंदर और कद्दू जैसे जूस का सेवन भी आयरन की कमी से राहत दिलाने में सहायता कर सकते हैं। विटामिन सी से भरपूर संतरे, टमाटर या अंगूर के जूस वाले पेय भी शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाते हैं।
उत्तर: आलूबुखारा, चुकंदर, कद्दू और पालक का जूस विटामिन और खनिजों से भरपूर है और इनसे प्रचुर मात्रा में आयरन मिलता है। इन्हें पेड़ों से मिलने वाले आयरन युक्त अन्य खाद्य पदार्थों के साथ लेने से बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है।
उत्तर: आप अपनी डाइट में क्लैम, टोफू, सार्डिन, पालक, सूखे फल और फलियां शामिल कर सकते हैं, जिनसे आप रोजाना 8 मिलीग्राम आयरन आसानी से ले सकते हैं। आलूबुखारे का जूस और चुकंदर स्मूदी जैसे आयरन युक्त ड्रिंक्स का भी सेवन करें। विटामिन सी के लिए संतरे की स्मूदी अवश्य लें, जो आयरन के अवशोषण में भी काफी मदद करता है। ये याद रखें कि स्वस्थ और पोषक भोजन का नियमित सेवन अत्यंत लाभकारी है।
उत्तर: मांस, टोफू, फलियां और पालक जैसे आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाकर आप प्राकृतिक रूप से शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ा सकते हैं। आयरन के अवशोषण को बढ़ाने के लिए विटामिन सी से भरपूर फलों जैसे संतरे, कीवी और नीबू को अवश्य खाएं। चाय और कॉफी से बचें, क्योंकि इनमें टैनिन होता है जो आयरन का अवशोषण रोकता है।
उत्तर: आलूबुखारे और शहतूत में काफी मात्रा में आयरन पाया जाता है। इनके साथ, खुबानी, रसभरी, एवोकाडो और जैतून जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर फलों को अवश्य खाएं।
उत्तर: प्रति 100 ग्राम केले में केवल 0.5 मिलीग्राम आयरन होता है, जो आपकी दैनिक आयरन की जरूरत से कम है। इसके बजाय अपने आहार में किशमिश और आलूबुखारा जैसे आयरन से भरपूर फलों को शामिल करने पर विचार करें।
उत्तर: लाल मांस (रेड मीट) अपने लाल रंग के कारण आयरन से भरपूर होता है। अन्य आयरन युक्त खाद्य पदार्थों में क्लैम, सीप, दाल, पालक, चुकंदर, गढ़वाले अनाज और खुबानी शामिल हैं। आप आयरन युक्त ड्रिंक्स भी ले सकते हैं।
उत्तर: ओटमील नॉन-हेम आयरन से भरपूर होता है, जिसे विटामिन सी से भरपूर फलों के साथ मिलाकर खाने पर काफी ज्यादा फायदा मिलता है। इससे प्रचुर मात्रा में विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स मिलते हैं, जो कि ओवरऑल हेल्थ के लिए बेहतर होते हैं।
उत्तर: विटामिन सी और आयरन से भरपूर अदरक की चाय एनीमिया के लिए बेहतर है। यह लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ाती है, क्योंकि इससे हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। इसके अलावा, अदरक की चाय इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाती है, इंफेक्शन से लड़ती है और तनाव को कम करती है, जिससे कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
उत्तर: शहद से शरीर को आयरन, तांबा और मैंगनीज मिलता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में भी काफी सहायता करता है, जिससे एनीमिया की कमी दूर होती है। सेब या केले के साथ शहद मिलाकर खाने से हीमोग्लोबिन का स्तर संतुलित बना रहता है और आयरन की कमी भी दूर होती है।
उत्तर: पीनट बटर की प्रति चम्मच से 0.57 मिलीग्राम आयरन मिलता है। इससे हेल्दी फैट और प्रोटीन अच्छी मात्रा में मिलता है। नाश्ते में ऑरेंज जूस के साथ पीनट बटर टोस्ट पर लगाकर खा सकते हैं या फिर सेब के साथ भी इसका आनंद ले सकते हैं।
उत्तर: गर्भावस्था के दौरान, शरीर को अधिक लाल रक्त कोशिकाओं की आवश्यकता होती है। तब आयरन टॉनिक, पालक-काजू-रास्पबेरी स्मूदी, कद्दू का रस, शहतूत स्मूदी और आलूबुखारे के जूस जैसे आयरन युक्त ड्रिंक्स का सेवन करके गर्भवती महिलाएं शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ा सकती हैं। अपनी डाइट में हरे पत्तेदार सब्जियां, फलियां, ब्रोकोली, मछली, मांस और खट्टे फल शामिल करने से भी शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।